टिकैत के आँसू समंदर बन गए , चिंगारी बन गए ,
मैं इसे महादेव जी की कृपा मानता हूँ ।
मैं भी किसान आंदोलन का समर्थक होने के कारण उस रात चिंतित था , जाग रहा था । मैंने टिकैत को रोते देखा तो असहज हुआ , ग़ुस्सा भी आया । मैं भी समझ रहा था कि भारत से किसान की विदाई हो जाएगी और मज़दूर ही मज़दूर होंगे जिनको ग़ुलामों की तरह उपयोग करके उनका शोषण होगा , जैसा शहीदे आज़म भगत सिंह को अंदेशा था ।
(हालाँकि अंदर ही अंदर मैं यह भी सोच रहा था कि अभिनव राजस्थान में हम इन क़ानूनों का असर ज़ीरो कर देंगे )
तभी ‘चमत्कार’ हुआ ! किसानों के देव , महादेव का । महादेव अपने प्यारे किसान को कैसे ख़त्म होने देंगे ? जो गर्मी,सर्दी और बारिश में जूझता है , उसे कैसे हारने देते ।
और रात ही रात में बात फैल गई और टिकैत के आँसू , महादेव का संदेश बन गए ।
मैं गारंटी से कह सकता हूँ कि टिकैत को बिल्कुल भी अन्दाज़ नहीं होगा कि उनके भावुक होने से ऐसा हो जाएगा ।
इसी बात से मुझे महादेव की कृपा समझ आई !
कोई ताक़त किसान को ख़त्म नहीं कर पाएगी , यह पक्का है । हालाँकि किसान भी भोले महादेव की तरह हर बार भस्मासुर पालते हैं , पर उनकी नीयत और मेहनत से वे बच जाते हैं !
मैं कुछ हद तक ख़ुश हूँ अब ।
और अब पूर्वी राजस्थान में ब्राह्मण, माली, मीणा और गुर्जर किसान के रूप में लामबंद हो रहे हैं । यह अच्छा संकेत है ।
इंटर्नेट बंद करने से अब कुछ नहीं होगा ,
किसान का कनेक्शन सीधा ‘ऊपर’ से हो गया है !
अभिनव अशोक
अभिनव राजस्थान पार्टी